Description
कुट्टू एक जंगली पौधा है। इसे बकव्हीट (Buckwheat) के नाम से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम फैगोपाइरम एस्कलूलेंट है। यह पोलीगोनेसिए (Polygonaceae) परिवार से ताल्लुक रखता है। इसके बीजों को पीस कर कुट्टू का आटा बनाया जाता है। इसकी गिनती ग्लूटेन फ्री आहार में होती है, जिस वजह से सीलिएक रोग से ग्रसित लोगों के लिए इसे बेहतर विकल्प माना जाता है (1)। कुट्टू कई सारे औषधीय गुणों से भरपूर होता है, जिसके बारे में लेख में आगे विस्तार से चर्चा करेंगे।
1. वजन को कम करने में कारगर
कूटू के फायदे वजन को कम करने में देखे जा सकते हैं। इस संबंध में चूहों पर एक शोध किया गया है। शोध में चूहों को कूटू का सेवन कराया गया। 28 दिन बाद चूहों के स्वास्थ्य में कई सकारात्मक परिणाम देखे गए, जिसमें वजन में कमी भी शामिल है (2)। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि कूटू का आटा वजन को कम करने में कारगर साबित हो सकता है।
2. स्तन कैंसर के लिए
स्तन कैंसर के जोखिम कम करने के लिए कूट्टू का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, फाइबर से भरपूर अनाज खाने से स्तन कैंसर का खतरा कम हो सकता है और कूटू में फाइबर की मात्रा बेहतर पाई जाती है (3)। इसके अलावा, कूटू में एंटी-ट्यूमर गुण भी मौजूद होता है, जो स्तन कैंसर को बढ़ाने वाली कोशिकाओं को नष्ट करने में सहायक हो सकता है (4)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा की कूटू को आहार में शामिल करने से स्तन कैंसर का जोखिम कम हो सकता है।
3. मधुमेह की रोकथाम में मददगार
जैसा कि हम पढ़ चुके हैं कि कूटू में फाइबर पाया जाता है (5)। वहीं, वैज्ञानिक शोध के अनुसार आहार में फाइबर रक्त शर्करा के स्तर को बहुत तेजी से बढ़ने से रोक सकता है (6)। इसके साथ ही कूटू में एंटीडायबिटिक गुण पाया जाता है, जो टाइप 2 मधुमेह के नियंत्रण में सहायक हो सकता है (7)। इसलिए, डायबिटीज के मरीजों के लिए कूटू का सेवन गुणकारी हो सकता है।
4. पित्त की पथरी को रोकने में लाभकारी
एक शोध में पाया गया है कि कुट्टू में पाई जाने वाली प्रोटीन की मात्रा पित्त में मौजूद पथरी के गठन और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकती है। कुट्टू के प्रयोग से शरीर में बाइल एसिड का निर्माण होता है, जिस कारण पित्त की पथरी से छुटकारा मिल सकता है (8)। यही वजह है कि कूटू का सेवन पित्त की पथरी के होने का जोखिम काफी हद तक कम कर सकता है।
5. रक्तचाप को करे नियंत्रित
रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए कूटू के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, कूट्टू में मौजूद मैग्नीशियम रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाकर रक्त प्रवाह में सुधार कर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है (9)। ऐसे में रक्तचाप को नियंत्रित रखने में कूटू का आटा फायदेमंंद हो सकता है।
6. ह्रदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
ह्रदय स्वास्थ्य के लिए कूट्टू के आटे के फायदे देखे जा सकते हैं। एक रिसर्च में इस बात का जिक्र मिलता है कि कूटू का सेवन शरीर के खराब कोलेस्ट्रॉल और सूजन को कम कर दिल की बीमारियों से बचाव करने में मददगार हो सकता है। इसके अलावा, कूटू में मौजूद पोषक तत्व शरीर में एचडीएल यानी गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में गुणकारी हो सकते हैं। वहीं, कूट्टू में मौजूद रुटिन (Rutin) नामक कंपाउड ह्रदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्ववपूर्ण भूमिका निभा सकता है
7. मजबूत हड्डियों के लिए
कुट्टू का आटा हड्डियों के स्वस्थ विकास के लिए भी फायदेमंंद माना जा सकता है। एक रिसर्च पेपर में इस बात जिक्र मिलता है कि कूटू के आटे में मौजूद मैगनीज हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाने में मदद कर सकता है। साथ ही इससे ऑस्टियोपोरोसिस नामक हड्डियों में होने वाली बीमारी का जोखिम काफी हद तक कम हो सकता है। ऐसे में कूटू का आटा हड्डियों के लिए कारगर माना जा सकता है
8. अस्थमा के इलाज के लिए
कूटू का सेवन अस्थमा के मरीजों के लिए रामबाण साबित हो सकता है। एक अध्ययन में इस बात का जिक्र मिलता है कि कूटू का सेवन बच्चों में अस्थमा के खतरे को 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इसके पीछे की वजह है इसमें मौजूद मैग्नीशियम और विटामिन ई। ये दोनों तत्व बच्चों में अस्थमा के जोखिम को कम करने में कारगर हो सकते हैं
9. प्रोटीन का स्रोत
कूटू में प्रोटीन की मात्रा मौजूद होती है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है (5)। प्रोटीन का उपयोग एंजाइम, हार्मोन और शरीर के अन्य रसायनों को बनाने के लिए जरूरी माना जाता है। इसके अलावा, हड्डियों, मांसपेशियों, त्वचा और रक्त कोशिकाओं के विकास के लिए भी प्रोटीन की जरूरत पड़ सकती है। यही वजह है कि शरीर को बड़ी मात्रा में प्रोटीन की आवश्यकता होती है (11)। ऐसे में कूटू का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है।
11. कब्ज के लिए
कूटू का सेवन कब्ज की समस्या से राहत प्रदान कर सकता है। दरअसल, कूटू में फाइबर की मात्रा मौजूद होती है, जो पाचन को दुरुस्त कर कब्ज की परेशानी को दूर कर सकता है (10)। इस आधार पर कब्ज की समस्या से बचाव के लिए कूटू के आटे को आहार का हिस्सा बनाना लाभकारी हो सकता है।
12. पीसीओएस के लिए लाभदायक
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से ग्रसित महिलाओं के अंडाशय में छोटी-छोटी सिस्ट बनने लगती हैं, जिस वजह से अनियमित पीरियड, वजन बढ़ना, बांझपन आदि समस्याएं हो सकती हैं (12)। इससे संबंधित एक शोध की मानें, तो कूटू ओवरी की कार्यप्रणाली में सुधार के साथ ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, यह शरीर में इंसुलिन और एंड्रोजन के स्तर को नियंत्रित कर पीसीओएस की समस्या को काफी हद तक दूर करने में सहायक हो सकता है
13. त्वचा के लिए
पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत होने के कारण त्वचा के लिए कूटू महत्वपूर्ण माना जा सकता है। दरअसल, कूटू में रूटीन (rutin) पाया जाता है, जो त्वचा को सूरज की पराबैंगनी किरणों से सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इसलिए, इसे प्राकृतिक सनटैन लोशन माना जा सकता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट समय से पहले त्वचा पर होने वाली झुर्रियों से बचाव कर सकते हैं (10)। इस तरह कूटू को त्वचा के लिए गुणकारी माना जा सकता है।
14. बालों की ग्राेथ के लिए
त्वचा के साथ ही बालों के लिए भी कूटू का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसमें विटामिन-ए, विटामिन-बी और जिंक पर्याप्त मात्रा में होते हैं, जो बालों को तेजी से बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं (10)। वहीं, एक अन्य शोध में जिक्र मिलता है कि कूटू का उपयोग बालों को झड़ने से रोकने के लिए भी किया जा सकता है। इसके पीछे इसमें पाया जाने वाला अमीनो-एसिड जिम्मेदार माना जा सकता है (14)। इस तरह बालों के लिए भी कूटू का सेवन उपयोगी हो सकता है