Description
आयुर्वेद के अनुसार, पुदीना (dried mint) कफ और वात दोष को कम करता है, भूख बढ़ाता है। आप पुदीना का प्रयोग मल-मूत्र संबंधित बीमारियां और शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए भी कर सकते हैं। यह दस्त, पेचिश, बुखार, पेट के रोग, लीवर आदि विकार को ठीक करने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है।
पाचन में फायदेमंद है पुदीना (Mint is beneficial in digestion)
पाचन के लिए पुदीना काफी मददगार है। यह पेट की मांसपेशियों को आराम पहुंचाने के साथ ही पाचन में सहायक बाइल्स (पाचक रस) के प्रवाह में सुधार का काम कर सकता है। इसके सेवन से भोजन आसानी से पच जाता है।
कोल्ड और फ्लू (Cold aur Flu bachne ke liye pudina)
पुदीना कोल्ड और फ्लू की समस्या से छुटकारा दिलाने में भी काफी मदद करता है। पुदीने में पाया जाने वाला मेन्थॉल, बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है। यह जमे हुए कफ को बाहर निकालता है और खांसी को कम करने में मदद करता है। इसके साथ ही गले में खराश और सूखी खांसी से भी छुटकारा मिलता है।
याददाश्त (Mint is beneficial in enhancing memory)
एक शोध की मानें तो पुदीना के औषधीय गुण याददाश्त को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। शोध में बताया गया है कि, पेपरमिंट चाय याददाश्त और याददाश्त की गति बढ़ाने में सहयोग कर सकती है। ऐसे में सूखे पुदीने की पत्तियों की चाय बनाकर सेवन करने से फायदा मिलता है।
मासिक धर्म में होने वाले दर्द से मिलेगा राहत (Pudina Beneficial in Menstural Cramp)
मासिक धर्म के दौरान महिलाएं पेट दर्द और ऐंठन से काफी परेशान रहती हैं। कई महिलाओं को यह कम रहता है तो कईयों को काफी ज्यादा रहता है। मासिक धर्म में दर्द और ऐंठन यानि क्रैम्प का कारण बढ़ा हुआ वात दोष भी हो सकता है। ऐसे में पुदीना के सेवन से इस दर्द और ऐंठन को दूर किया जा सकता है। क्योंकि, इसमें वातशामक और उष्ण गुण होते हैं जो दर्द और ऐंठन को कम करने में मदद करते हैं।
सूजन को कम करे (Mint to Treat Inflammation)
शरीर के किसी अंग में सूजन है और इसके चलते दर्द हो रहा है तो इसमें पुदीना का इस्तेमाल करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके लिए सूखा पुदीना के पत्तों को सिरके में पीस कर लेप तैयार कर लें। इस लेप को सूजन वाली जगह पर लगा दें। इससे होने वाले दर्द में आराम तो मिलेगा ही साथ ही सूजन भी कम होने में काफी लाभ मिलेगा।