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कुलथी दाल (Kulthi Dal) के फायदे – Benefits of Horse Gram in Hindi
नीचे क्रमवार रूप से जानिए शरीर के लिए कुलथी दाल के फायदे। वहीं, पाठक इस बात का भी ध्यान रखें कि कुलथी की दाल लेख में शामिल शारीरिक समस्याओं का इलाज नहीं है। इसका सेवन बीमारियों से बचाव और उनके लक्षणों को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकता है। अब पढ़ें आगे कुल्थी दाल बेनिफिट्स–
1. पथरी के लिए
कुलथी की दाल के फायदे पथरी यानी किडनी स्टोन के लिए भी देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर मौजूद एक शोध के अनुसार, पथरी के लिए कुलथी का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। कुलथी दाल एंटीऑक्सीडेंट और शरीर से गंदगी बाहर निकालने वाले गुणों से समृद्ध होती है, जो किडनी से पथरी को बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं। शायद यही वजह है कि इसे किडनी स्टोन के इलाज के लिए पारंपरिक और वैकल्पिक दवा का दर्जा प्राप्त है (2)।
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, कुलथी दाल एक कारगर मूत्रवर्धक यानी पेशाब को बढ़ावा देने वाला प्रभाव के रूप में काम करती है, जो पेशाब के रास्ते किडनी स्टोन को निकालने का काम कर सकती है (3)।
2. मधुमेह
डायबिटीज से निपटने के लिए कुलथी के फायदे देखे जा सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, हार्स ग्राम एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होती है, जो मधुमेह के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कुलथी टाइप 2 डायबिटीज पर भी सकारात्मक प्रभाव छोड़ सकती है (2)।
इसके अलावा, कुलथी दाल रेजिस्टेंस स्टॉर्च से भी समृद्ध होती है। यह कार्बोहाइड्रेट के पाचन को धीमा करके और इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करके पोस्टपेंडिअल हाइपरग्लाइसेमिया यानी भोजन के बाद ब्लड शुगर की अधिकता को कम कर सकती है। इससे मधुमेह के मरीजों को फायदा हो सकता है (2)।
3. वजन घटाने के लिए
वजन घटाने के लिए भी कुलथी दाल खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। कुलथी दाल से संबंधित एक शोध में वजन कम करने के लिए कुलथी दाल को लाभकारी बताया गया है। इसके पीछे इसमें मौजूद फाइबर तत्वों को जिम्मेदार माना जा सकता है (4)। वजन घटाने के लिए कुलथी दाल के सूप का सेवन किया जा सकता है।
4. कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करे
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए भी कुल्थी की दाल का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, कुलथी दाल हाइपोकोलेस्ट्रोलेमिक यानी कोलेस्ट्रोल को कम करने वाला प्रभाव प्रदर्शित करती है। इसके अलावा, इसमें अच्छी मात्रा में फाइबर मौजूद होता है (2)। वहीं, फाइबर एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का काम कर सकता है (5)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि बढ़े हुए कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने में कुलथी की दाल सहायक हो सकती है ।
5. डायरिया के लिए
डायरिया जैसी स्थिति से निपटने के लिए कुल्थी की दाल के फायदे देखे जा सकते हैं। कुलथी दाल फ्लेवोनॉइड जैसे तत्वों से भरपूर होती है, जिस कारण यह एंटी-डायरिया के रूप में काम कर सकती है। इसके अलावा, कुलथी दाल में मौजूद फाइबर अहम भूमिका निभा सकता है (6)। फाइबर पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है, जो डायरिया से निजात दिलाने में मदद कर सकता है (2)।
6. अल्सर
इस मामले में भी कुलथी की दाल में मौजूद फ्लेवोनॉयड की भूमिका देखी जा सकती है। फ्लेवोनॉयड कारगर एंटी-अल्सर की तरह काम कर सकता है। यह अल्सर से उबरने में मदद कर सकता है (2)। साथ ही अल्सर जैसी स्थितियों में भी फाइबर अहम भूमिका निभा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन पेट के अल्सर से पीड़ित मरीजों को फाइबर युक्त आहार खाने की सलाह देता है। फाइबर पेट की सूजन और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में होने वाले दर्द को कम कर पेट के अल्सर के लिए लाभदायक हो सकता है (7)।
7. सर्दी और बुखार
सर्दी और बुखार जैसी शारीरिक समस्याओं से निपटने के लिए भी कुलथी की दाल के फायदे देखे जा सकते हैं। बुखार और सर्दी के लिए इस दाल का प्रयोग पारंपरिक दवाई के रूप में सदियों से किया जा रहा है। कुलथी दाल न सिर्फ सर्दी-बुखार से निजात दिलाने का काम करती है, बल्कि गले के संक्रमण को दूर करने का काम भी कर सकती है (2)।
वहीं, एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार कुलथी की दाल का पानी सर्दी-खांसी से छुटकारा दिला सकता है (3)। विशेषज्ञ के अनुसार, कुलथी दाल की तासीर गर्म होती है, इसलिए खासतौर से सर्दियों में इसका सेवन ज्यादा किया जाता है।
8. अनियमित माहवारी
अनियमित माहवारी की परेशानी में भी कुलथी दाल के फायदे देखे जा सकते हैं। यूनानी चिकित्सा पद्धति में इलाज के लिए कुलथी दाल का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। इसका सकारात्मक प्रभाव अनियमित माहवारी जैसी स्थितियों पर भी दिख सकता है (2)। हालांकि, इसे लेकर अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।।
9. कब्ज
कब्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए भी कुर्थी की दाल के फायदे देखे जा सकते हैं। जैसा कि हमने पहले बताया कि कुलथी की दाल फाइबर से समृद्ध होती है, जो कब्ज से निजात दिलाने का काम कर सकती है (2)। फाइबर स्टूल को मुलायम बनाता है और मल त्याग की प्रक्रिया को सरल बना सकता है (8)। ऐसे में कहा जा सकता है कि कब्ज की समस्या में कुल्थी की दाल के फायदे देखे जा सकते हैं।
10. पाचन के लिए
यहां भी फाइबर की भूमिका देखी जा सकती है। पेट के लिए जरूरी पोषक तत्वों में फाइबर प्रमुख है, जो पाचन क्रिया को सुचारू बनाने के साथ-साथ कब्ज जैसी दिक्कतों से भी छुटकारा दिला सकता है(9)। स्वस्थ पाचन के लिए कुल्थी दाल बेनिफिट्स हासिल किए जा सकते हैं (2)।
11. हृदय के लिए
कुल्थी के लाभ में हृदय को स्वस्थ रखना भी शामिल है। एनसीबीआई पर उपलब्ध एक शोध में साफतौर से यह बताया गया है कि कुलथी दाल में मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल को कम कर हार्ट अटैक के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है। इसके अलावा, शोध में यह भी बनाया गया है कि कुलथी दाल में फेनोलिक एसिड, फ्लेवोनॉइड और टैनिन मौजूद होते हैं, जो हृदय संबंधी समस्याओं से बचाव कर सकते हैं (2)।
12. बवासीर के लिए
कुलत्थ का उपयोग बवासीर की समस्या को दूर करने के लिए भी लाभकारी माना जा सकता है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल लंबे समय से कई रोगों के इलाज के लिए किया जा रहा है, जिसमें बवासीर भी एक है। इसके पीछे कुलथी दाल का कौन-सा गुण जिम्मेदार है, इसके लिए शोध की आवश्यकता है।
13. त्वचा के लिए
त्वचा के लिए कुल्थी के फायदे बहुत हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस दाल को पीसकर प्रयोग में लाने से चकत्तों और फोड़ों से छुटकारा पाया जा सकता है (3)। इसके अलावा, कुलथी दाल में फ्लेवोनॉयड पाए जाते हैं (2)। जबकि फ्लेवोनॉयड त्वचा को सूर्य की हानिकारक पैराबैंगनी किरणों से बचाने में सहायक हो सकते हैं (10)।