Description
1. अनिद्रा की समस्या में जायफल के लाभ
जायफल का उपयोग अनिद्रा की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है। इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि दो हफ्तों तक जायफल चूर्ण का इस्तेमाल अनिंद्रा से पार पाने में मददगार हो सकता है (2)। वहीं, एक अन्य शोध में भी अनिद्रा के लिए इसके उपयोग का पता चलता है
2. पाचन तंत्र सुधारने में जायफल खाने के फायदे
जायफल का उपयोग पाचन तंत्र को सुधारने के लिए भी किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में जिक्र मिलता है कि आर्युवेद में जायफल का उपयोग कई समस्याओं से निजात पाने के लिए किया जाता है, जिसमें खराब पाचन तंत्र को ठीक करना भी शामिल है। साथ ही यह मल त्यागने की क्रिया को भी सरल बना सकता है (4)। वहीं, एक अन्य शोध में गैस, डायरिया और अपच की समस्या के लिए इसके उपयोग का पता चलता है (1)। हालांकि, इन लाभ के पीछे जायफल के कौन से औषधीय प्रभाव काम करते हैं, इसे लेकर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है
3. दर्दनिवारक के रूप में
जायफल का उपयोग दर्दनिवारक के रूप में किया जा सकता है। इस विषय पर डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज (शिकागो) के द्वारा शोध किया गया। शोध में पाया गया कि जायफल के अर्क में एनाल्जेसिक (analgesic) गुण यानी की दर्द को दूर करने वाला गुण पाया जाता है
4. गठिया के लिए जायफल खाने के फायदे
गठिया की समस्या में जोड़ों में दर्द के साथ ही सूजन की समस्या हो सकती है। इस समस्या में जायफल का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। इस विषय से संबंधित एक शोध में पाया गया कि जायफल का उपयोग मांसपेशियाओं में ऐंठन और गठिया की समस्या में लाभकारी हो सकता है। शोध में पाया गया कि जायफल में एनाल्जेसिक और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। ये गुण गठिया के दौरान होने वाले दर्द और सूजन में राहत देने का कार्य कर सकते हैं
6. मधुमेह में जायफल के गुण
मधुमेह के लिए भी जायफल का उपयोग किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि जायफल के अर्क में एंटीडायबिटिक गुण पाए जाते हैं। यह गुण रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकते हैं (7)। इसलिए, कहा जा सकता है कि मधुमेह की समस्या में जायफल का उपयोग लाभदायक हो सकता है।
7. दांतों के लिए जायफल खाने के फायदे
जायफल का उपयोग दांतों के स्वास्थ्य के लिए भी किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, जायफल में अर्क में मौजूद मैकलिग्नन (macelignan) नामक तत्व में एंटीकैरोजेनिक (दांतों को टूटने से बचाने वाला) प्रभाव पाया जाता है, जो दांतों को स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स (Streptococcus Mutans) नामक ओरल बैक्टीरिया से सुरक्षा प्रदान कर सकता है (8)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि मुंह का स्वास्थ्य बरकरार रखने के लिए जायफल का उपयोग लाभकारी हो सकता है।
8. दिमाग के लिए जायफल खाने के फायदे
सेहत और दांतों के साथ ही जायफल दिमाग के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। इससे जुड़े एक शोध में केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की क्रियाओं के लिए जायफल के उपयोग का जिक्र मिलता है। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, जिसमें मस्तिष्क और रीढ़ शामिल होते हैं (1)। वहीं, इससे जुड़े एक अन्य शोध में पता चलता है कि जायफल का उपयोग याददाश्त और सीखने की क्षमता को बढ़ाने में मददगार हो सकता है (9)। हालांकि, इस लाभ के पीछे जायफल के कौन से गुण लाभकारी हो सकते हैं, इसे लेकर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
9. अवसाद और चिंता दूर करने में जायफल के लाभ
जायफल अवसाद और चिंता की स्थिति में भी फायदेमंद हो सकता है। जानवरों के ऊपर किए गए शोध में पाया गया कि जायफल के जलीय अर्क में एनजियोलिटिक (anxiolytic) गुण पाए जाते हैं, जो चिंता को दूर करने में सहायक हो सकते हैं। साथ ही शोध में पाया गया कि जायफल के अर्क में एंटीडिप्रेसेंट गुण पाया जाता है, जो अवसाद को कम करने में मददगार हो सकता है
10. रोग-प्रतिरोधक क्षमता के लिए जायफल के फायदे
किसी भी व्यक्ति के लिए उसकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता का सही होना बहुत जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो व्यक्ति जल्द बीमार पड़ सकता है। ऐसे में जायफल का सेवन इम्यून पावर बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है। इससे जुड़े एक शोध के अनुसार, जायफल रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने का काम कर सकता है (10)। हालांकि, यह किस प्रकार यह काम करता है, इसे लेकर अभी और शोध की आवश्यकता है।
11. कोलेस्ट्रॉल के लिए जायफल के फायदे
शरीर में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ता स्तर कई समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक (11)। ऐसे में जायफल का सेवन बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। दरअसल, जायफल के अर्क में कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाली गतिविधि पाई जाती है। वहीं, इसी शोध में जिक्र मिलता है कि जायफल का सप्लीमेंट ब्लड लिपिड में सुधार का काम कर सकता है, जिससे बढ़ते कोलेस्ट्रॉल की समस्या को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है (12)। हालांकि, इसकी कार्यप्रणाली को लेकर अभी और अध्ययन की आवश्यकता है।