Description
‘पंच’ का अर्थ है ‘5’ और फोरन का मतलब होता है ‘तड़का’। पंचफोरन 5 अलग-अलग बीजों को मिलाकर तैयार किया गया एक मिश्रण है। जिसमें मेथी, काली सरसों, जीरा, सौंफ और कलौंजी शामिल है। यह सभी बीज औषधीय गुणों से युक्त होने की वजह से सेहत के लिए बड़े ही फायदेमंद होते हैं।
1. सौंफ (Saunf – Fennel seeds)
चर्बी घटाने के लिए सौंफ या सौंफ के बीज का सेवन करना अच्छा है। मोटापे या फिर वजन कम करने के लिए यह बेहद कारगर है। वजन कम करने के अलावा सौंफ कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के खतरे को कम करता है।
2. कलौंजी (Kalaunji – Nigella seeds)
कलौंजी के नियमित सेवन से लीवर सही तरीके से काम करता है और शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त रखता है। कलौंजी में एंटीऑक्सीडेंट के गुण होते हैं जो कैंसर के खतरे को कम करता है, क्योंकि ये शरीर के फ्री रेडिकल को खत्म करने की क्षमता रखता हैं। कलौंजी के बीजों को सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ खाएं तो एसिडिटी और डायबिटीज से राहत मिल सकती है।
3. जीरा (Jeera – Cumin seeds)
एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी कैंसर के गुणों से भरपूर जीरा हेल्दी मसालों में से एक है। इसके अलावा यह यूरिक एसिड के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करता है। अगर आप सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से परेशान हैं तो जीरे का इस्तेमाल कर सकती हैं। यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखता है। वहीं पाचन, मेटाबॉलिज्म और वजन कम करने के लिए भी काफी फायदेमंद है।
4. राई/सरसों (Rai/Sarso – Mustard seeds)
राई/सरसों का उपयोग ज्यादातर तड़के के लिए किया जाता है और अन्य पकवानों में भी बिना किसी वजह के इस्तेमाल किया जाता है। यह अपने एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है और पाचन के लिए अच्छा है। यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है और अस्थमा, ब्लड प्रेशर और माइग्रेन की समस्याओं को दूर करने के लिए लाभकारी होता है।
5. मेथी (Methi – Fenugreek seeds)
मेथी पाचन समस्याओं जैसे अपच, ऐंठन और पेट दर्द आदि के इलाज के लिए बेहद फायदेमंद है। यह किडनी और लिवर के साथ अन्य महत्वपूर्ण अंगों को बूस्ट करने का काम करता हैं।