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1 बालों में तिल के तेल की मालिश के फायदे
बालों का झड़ना एक आम समस्या है जो पुरुष या महिला दोनों को प्रवावित करता है. बाल झड़ने के कारण बहुत सारे हो सकते हैं जैसे प्रदूषण,असंतुलित जीवनयापन और शरीर में पोष्टिक तत्वों की कमी.
लेकिन इसका इलाज जल्द से जल्द करना बहुत बहुत आवश्यक होता है. तिल का इस्तेमाल करने से बालो का झड़ना बंद हो जाता है.
तिल में विटामिन बी और आयरन के भरपूर मात्रा पायी जाती है जो बालो की जड़ो को मजबूत और बाल गिरने की समस्या से निदान दिलाती है.रोजाना रात को सोने से पहले सिर में तिल के तेल की मालिश करें इससे जबरदस्त फायदा देखने को मिलेगा.
2 तिल के लाभ मधुमेह नियंत्रित करने के लिए
जब रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है तो उसे मधुमेह रोग कहा जाता है. मधुमेह एक खतरनाक बीमारी है और ऐसा माना जाता है कि यदि एक बार किसी व्यक्ति को यह रोग हो गया तो ज़िन्दगीभर उसके साथ ही रहता है. समय पर डायबिटीज को नियंत्रित करना बहुत आवश्यक होता है नहीं तो रोगी की जान भी जा सकती है.
तिल का इस्तेमाल मधुमेह नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है.तिल में मैग्नीशियम और अन्य तत्वों की मात्रा पायी जाती है जो शुगर को नियंत्रित करने मदद करता है.
3 तिल का उपयोग हड्डियों को मजबूत बनाने में
हड्डियाँ हमारे शरीर को शक्ति और संतुलन बनाने में मदद करती है.जिन लोगो की हड्डियाँ मजबूत होती है उनका शरीर फुर्तीला और भारी भरकम वजन उठाने की क्षमता होती है.
अनियमित दिनचर्या और शरीर में पोषक तत्वों की कमी से हड्डिया कमजोर होने लगती है.हड्डियों को मजबूत बनाने में तिल बहुत कारगर माना जाता है.तिल के बीज में कैल्शियम की भरपूर मात्रा पायी जाती है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करती है. इसके अलावा तिल का सेवन करने से हड्डियों की मरम्मत और नई हड्डियों के विकाशशील में मदद मिलती है.
4 तिल का इस्तेमाल ह्रदय स्वस्थ रखने में
आजकल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में ह्रदय रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रहती है और यह चिंता का विषय है. ख़राब जीवनशैली और अनियमित खान पान इसके कुछ कारण हो सकते है.
तिल का सेवन करने से ह्रदय स्वस्थ रखने में मदद मिलती है.तिल में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड और ओलिक एसिड पाया जाता है जो को हृदय स्वास्थ्य में सुधारने में मदद करता है.
5 कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में तिल के फायदे
कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का वसायुक्त पदार्थ है, जिसका उत्पादन लिवर करता है. यह शरीर की सभी कोशिकाओं में पाया जाता है. यह प्रोटीन के साथ मिलकर लिपोप्रोटीन बनाने में मदद करता है, जो फैट को रक्त में घुलने से रोकथाम करता है.कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में तिल बहुत फायदेमंद होता है.
तिल में सेसामिन और सेसमोलिन तत्त्व भरपूर मात्रा में पाए जाते है जो ख़राब कोलेस्ट्रॉल को कम करते है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढाने में मदद करते है.
6 त्वचा के लिए तिल का सेवन
खूबसूरत और निखरी त्वचा पाने की चाहत हर किसी की होती है.इसके लिए लोगो तरह तरह की क्रीम, पाउडर और दवाइयों का सहारा लेते है लेकिन इनके साइड इफ़ेक्ट होने का खतरा होता है.
तिल के का सेवन करने से त्वचा स्वस्थ और निखारने में मदद मिलती है. तिल में विटामिन ई की भरपूर मात्रा पायी जाते है जो त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए बहुत आवशयक होता है. इसके लिए रोजाना तिल के तेल से मालिश करने त्वचा में जबरदस्त निखार आयेगा.
7 एनीमिया को दूर करने में तिल का इस्तेमाल
खून में हीमोग्लोबिन या रेड ब्लड सेल्स की मात्रा कम होना एनीमिया कहलाता हैं. यह रोग बच्चो, युवा और बुजुर्ग किसी को भी हो सकता है.आमतौर पर पुरुषों में हीमोग्लोबिन की मात्रा 13.5 ग्राम और महिलाओं में 12 ग्राम होती है.
इस रोग के कारण पीड़ित व्यक्ति के शरीर में ब्लड सेल्स लेवल या हीमोग्लोबिन सामान्य से कम हो जाता है.तिल का सेवन करने से एनीमिया को दूर किया जा सकता है. तिल में आयरन और सेसमोल की प्रचुर मात्रा पायी जाती है जो हीमोग्लोबिन की मात्रा बढाने में मदद करते है जिससे एनीमिया की बीमारी से छुटकारा मिल जाता है.
8 दांत को स्वस्थ बनाने में तिल के फायदे
स्वस्थ और चमकदार दांत होने से चेहरा सुन्दर दिखाई देता है और शरीर भी स्वस्थ रहता है.दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से सफाई करना और सही आहार लेना बहुत आवश्यक होता है.
स्वस्थ और मजबूत दांत बनाये रखने के लिए तिल का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए रोजाना 20 ग्राम तिलों को चबा-चबाकर खाएं या तिल के तेल को मुंह में कुछ समय के लिए रखे फिर कुल्ला करने से पायरिया रोग दूर होता है तथा दांत मजबूत होते हैं.
9 आँखों के लिए करें तिल का सेवन
उम्र बढ़ने के साथ हमारी आँखों में रोशनी कम होना आम बात है. लेकिन कई बार खराब जीवनशैली और पोषक तत्वों की कमी से बहुत कम उम्र में आखें कमजोर होने लगती है.
आँखे हमारे शरीर का मुख्य अंग माना जाता है इसलिए इसे स्वस्थ रखने में हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. तिल आँखों के लिए बहुत लाभकारी होता है.तिलों का काढ़ा बनाकर आँखों को धोने से नेत्र संबंधी समस्याओ से राहत मिलती है.
10 तिल के तेल का प्रयोग कैंसर के इलाज में
कैसर एक जानलेवा बीमारी है जिसका पूर्णतः इलाज अभी तक नहीं मिला है. हालाँकि बेहतर जीवनशैली और सही खान पान से कैसर के खतरे को कम किया जा सकता है.तिल के तेल का इस्तेमाल कैंसर के इलाज में बहुत कारगर माना जाता है.
तिल में फाईटेट, विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट तत्त्व पाए जाते है जो कैसर के खतरे को कम करने में मदद करते है.
11 तिल का उपयोग सूजन कम करने में
स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही करने से कभी-कभी पूरे शरीर में आना या किसी एक अंग में सूजन आ जाती है.शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन आना, किसी न किसी बीमारी का संकेत देता है.
इसके अलावा कई बार सूजन के साथ तेज बुखार भी आ जाता है इसलिए सूजन का आने का कारण जानकार उसका इलाज करना बहुत आवश्यक होता है.सूजन को कम करने में तिल कारगर माना जाता है.तिल में तांबे की उच्च मात्रा पायी जाती है जो जोड़ों, हड्डियों और मांसपेशियों में सूजन कम करने में मदद करता है.
12 खांसी में तिल के फायदे
खांसी एक आम बीमारी है जो खांसी बच्चों से लेकर युवा, बुजुर्गों तक को हो सकती है. खांसी आने कारण मौसम में बदलाव, अनियमित खान पान या अन्य कारणों से लोगों को खांसी आने लगती है.
यदि खांसी का इलाज जल्दी न किया जाए तो खांसते-खांसते रोगी के सीने में दर्द होने लगता है. खांसी के इलाज में करें तिल का सेवन. तिल और मिश्री को उबालकर पीने से सूखी खांसी से राहत मिलती है
13 पेचिश में तिल के फायदे
लगातार दस्त लगने के कारण मल में खून आने को पेचिश कहते है.यह पेचिस आंतों का संक्रमण होता है, इसमें रोगी के पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द उठता है. पेचिश होने पर इसका तुरंत इलाज करना चाहिए, नहीं तो इसके घातक परिणाम होने का खतरा होता हैं.
पेचिश के इलाज में तिल के जबरदस्त फायदे देखने को मिलते हैं.तिल के पत्तों को पानी में भिगोने से पानी में लुआब आ जाता है,और इस लुआब को रोगी को पिलाने से पेचिश और मूत्र संबंधी रोगों में फायदा मिलता है.
14 पथरी को निकालने में तिल का इस्तेमाल
पथरी पेट में स्टोन बन जाने की समस्या होती है. पथरी की समस्या से कई लोग झूझते है. ज्यादा परेशानी बढ़ने पर कई बार मरीज को सर्जरी तक करावाने की नौवत आ जाती है.
अनुवांशिकी और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन के कारण ज्यादातर पथरियाँ बनती है. पथरी होने पर तिल का सेवन करने से जबरदस्त फायदा मिलता है. इसके लिए रोजाना तिल की छाया-सूखे कोमल कोपलों (125-250 मिग्रा) का सेवन करने से पथरी गलकर निकल जायेगी.
15 रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में तिल के लाभ
संक्रमण और बीमारियों से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहना बहुत आवश्यक होता है. यदि किसी व्यक्ति कि रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, तो उसे जल्दी बीमारियाँ हो जाती है.
यदि शरीर में इम्यून सिस्टम मजबूत होता है तो छोटी बिमारियों से शरीर खुद ही निपट लेता है जैसे इम्यून सिस्टम को मजबूत सर्दी-जुकाम, एलर्जी. तिल का इस्तेमाल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए भी किया जा सकता है. तिल में कॉपर और एंटीऑक्सीडेंट तत्त्व पाए जाते है जो शरीर की इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं.
दूध के साथ तिल लेना हानिकारक साबित हो सकता है इससे आपको त्वचा संबंधी रोग होने का खतरा बढ़ जाता है.
रोजाना 1 चम्मच या 25 से 50 ग्राम तक तिल का सेवन किया जा सकता है.